भगवान मीर,
चचा ग़ालिब,
मियाँ दाग,
अंकल फ़िराक,
दादा फ़ैज़,
मस्त जिगर,
भइया मजाज़
..और भी तमाम हैं जो जिम्मेदार हैं कुछ अच्छा बन पड़ा हो तो !
Monday, May 23, 2011
उम्र भर लोगों का तांता लगा रहा
हम कि अकेले ही उम्र गुजार आये
न हुई उनसे मुलाकात किसी तरह
कहने को हम करीब सौ बार आये
वक्त उठने का गुलशन से आ गया
मेरी बला से अगर अब बहार आये
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
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