रहजनों की अगुआई में चल रहे हैं काफिले |
याँ किसी को आजकल रहबरी आती नहीं |
उनके हक में है बीमार अच्छा न होने पाए |
ऐसा नहीं कि उनको चारागरी आती नहीं |
नाज़ो अंदाज़ तो अब भी खूब है दुनिया में |
लेकिन हर किसी को दिलबरी आती नहीं |
हर एक बात पर संजीदा हो जाते हैं लोग |
समझ में किसी की मसखरी आती नहीं |
वही कहता है जो ग़ालिबो मीर कह चुके |
कहते हैं मिसिर को शायरी आती नहीं |
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