| गर्दन झुकाई नजरें उठाई ज़रा मुस्करा दिया |
| बिना तलवार उसने कितनों को गिरा दिया |
| अक्सर तो ज़िंदगी में दोपहर की सी धूप थी |
| जुल्फों की घनी छाँव ने सबको आसरा दिया |
| छोटा बड़ा अच्छा बुरा नाम क्या बदनाम क्या |
| वक्त के साथ जमाने ने सबको बिसरा दिया |
| दुनिया में अबतक लड़के तो जीता नहीं कोई |
| मुहब्बत करने वालों ने परचम लहरा दिया |
| या तो लोग अपने ही दुश्मन हैं या बेवकूफ |
| हमने मसीहाओं को ही कातिल ठहरा दिया |
| किस खेत की मूली हो तुम आखिर मिसिर |
| रोटी की फिकिर ने सबको यहाँ घबरा दिया |
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