Tuesday, March 2, 2010

रुसवाई के डर से जो यहाँ नहीं आते
मत पूछिये कि कहाँ कहाँ नहीं जाते
कभी याद भूले ही उनको आयें हम
भूले से भी हमसे भुलाये नहीं जाते
नजर न लग जाये उनकी आँखो को
दिल के ये जख्म दिखाये नहीं जाते
होते हैं किस्से बयान नज़रों से ख़ास
होठों पे कभी हरगिज़ लाये नहीं जाते

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