भगवान मीर,
चचा ग़ालिब,
मियाँ दाग,
अंकल फ़िराक,
दादा फ़ैज़,
मस्त जिगर,
भइया मजाज़
..और भी तमाम हैं जो जिम्मेदार हैं कुछ अच्छा बन पड़ा हो तो !
Wednesday, March 3, 2010
दिल हो जाता है गैर सुना था लेकिन इस कदर न पता था दावा सबको उस पर जरूर था कोई कभी लेकिन न मिला था ढूँढते बेकार मुझको यहाँ वहाँ तू ही तो था अब मै कहाँ था उसको खोजते पहुँचे तो मगर दैरो हरम नहीं मैकदा वहाँ था
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