Friday, October 7, 2011

आँखों में समाकर दिल में उतर गए 
नाम पे मेरे जो महफ़िल में मुकर गए 
उनके आने तक तो हम होश में ही थे  
न जाने वो फ़िर कब और किधर गए 
पूछा किये उनसे अपना पता अक्सर 
फ़िर लेकर उन्ही से अपनी खबर गए 
इन्ही आँखों ने उनको जाते हुये देखा 
ऐसे भी कुछ हादिसे हम पे गुजर गए 
बागबाँ से लड़ के गुलशन से अब हम 
इसी शाम निकले नहीं तो सहर गए 

1 comment:

  1. पूछा किये उनसे अपना पता अक्सर
    फ़िर लेकर उन्ही से अपनी खबर गए

    वाह बहुत खूब ....बहुत खूबसूरती से भावों को उकेरा है आपने .......! आपका आभार

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