हमारी मुश्किलों से उन्हें सरोकार नहीं
जो दिखता है वो उनका कारोबार नहीं
जिन्हें हमने अपना रहनुमा बना दिया
चालाक तो वे हैं लेकिन होशियार नहीं
अपने फायदे तक तो सरपरस्त बने रहे
उसके बाद वो फिर किसी के यार नहीं
बस अपना ही घर भर के खुश बैठ रहे
कुँए से बाहर मेढकों का संसार नहीं
जो दिखता है वो उनका कारोबार नहीं
जिन्हें हमने अपना रहनुमा बना दिया
चालाक तो वे हैं लेकिन होशियार नहीं
अपने फायदे तक तो सरपरस्त बने रहे
उसके बाद वो फिर किसी के यार नहीं
बस अपना ही घर भर के खुश बैठ रहे
कुँए से बाहर मेढकों का संसार नहीं