रास्ते यहाँ सबको खूब भरमाते रहे
खुद तो पड़े रहे दुनिया चलाते रहे
मंजिल तक कौन यहाँ पहुँच पाया
लोग राह पर खड़े पता बताते रहे
सबको सुधारने का ठेका ले लिया
वो इस बहाने से वहाँ आते जाते रहे
हमें भी कभी चैन से सोने न दिया
आते जाते दरवाजा खटखटाते रहे
खुद तो पड़े रहे दुनिया चलाते रहे
मंजिल तक कौन यहाँ पहुँच पाया
लोग राह पर खड़े पता बताते रहे
सबको सुधारने का ठेका ले लिया
वो इस बहाने से वहाँ आते जाते रहे
हमें भी कभी चैन से सोने न दिया
आते जाते दरवाजा खटखटाते रहे
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